इस चित्र में दिखाये गये परिपथ में शक्ति के पूर्ण क्षय का मान (वाट में) होगा-
$40$
$54$
$4$
$16$
रजत एवं जस्ते के वोल्टामीटर को श्रेणीक्रम में जोड़कर इनमें से $i$ धारा $t$ समय तक प्रवाहित करने से $W$ ग्राम जस्ता मुक्त होता है, तब मुक्त हुई चाँदी का भार ............ $W$ होगा
जब किसी प्रतिरोधक से $4 \mathrm{~A}$ की धारा प्रवाहित होती है, तो $10 \mathrm{~s}$ में इसके द्वारा उत्पन्न ऊष्मीय ऊर्जा का मान $\mathrm{H}$ है। यदि धारा $16 \mathrm{~A}$ तक बढ़ा दी जाए तो $10 \mathrm{~s}$ में इस प्रतिरोधक द्वारा उत्पन्न ऊष्मीय ऊर्जा $.......\,H$ होगी :
${R_1}$ और ${R_2}$ प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में लगाकर धारा प्रवाहित की जाती है जिससे उनमें क्रमश: ${H_1}$ और ${H_2}$ ऊष्मा उत्पन्न होती है। अनुपात $\frac{{{H_1}}}{{{H_2}}}$ का मान होगा
एक कुण्डली पानी की एक निश्चित मात्रा को उबालने में $15$ मिनट का समय लेती है एवं एक अन्य कुण्डली इसी प्रक्रिया में $20$ मिनट समय लेती है। यदि इन कुण्डलियों को श्रेणीक्रम में जोड़कर एकसाथ चालू करें तो पानी की उतनी ही मात्रा को उबलने में .......... $min$ लगेगा
दो बल्ब समान शक्ति के हैं। इनमें से एक कार्बन तंतु तथा दूसरा टंगस्टन तंतु युक्त है। इन्हें विद्युत सप्लाई से श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है, तो